Article Title |
वेदनी : वेदों का प्राकट्य स्थल |
Author(s) | भास्कर मिश्र, सुमित मिश्र . |
Country | India |
Abstract |
यह शोध-पत्र वेदों की अपौरुषेय अभिवृत्तियों को प्रस्तुत करते हुए एक यात्रा द्वारा सर्वेक्षणात्मक अध्ययन के अन्तर्गत उत्तराखंड में वाणगांव के निकटस्थ वेदनी नामक स्थान का विशेष उल्लेख करता है, जहां आज भी वेदध्वनि गुञ्जायमान होती है। वेदध्वनि के नाद को जिस प्रकार ऋषियों ने अपनी मन्द्रजिव्ह वृत्ति द्वारा श्रवणदिव्यता से ग्रहण किया, उतना आधुनिक समय में शारीरिक रूप से अस्थिरता के कारण ग्रहण करना सम्भव नहीं है, परन्तु यह ज्ञान अवश्य किया जा सकता है कि निश्चित रूप से हिमालय के अङ्क का यही स्थान है, जहां ऋषियों ने अपनी ऋषिश्चर्या से नादानुसन्धान करते हुए वेदवाणी का दर्शन किया। इस स्थान को वैदिक ध्वनि का अनुभूत वर्णन करने वाले पण्डित देवदत्त शास्त्री जी है, जिनकी पुस्तक के अवलोकन के बाद इसका सर्वेक्षण कर अपना दृष्टान्त दिया गया है। |
Area | Sanskrit |
Published In | Volume 1, Issue 12, December 2024 |
Published On | 28-12-2024 |
Cite This | मिश्र, ., & , . . (2024). वेदनी : वेदों का प्राकट्य स्थल. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(12), pp. 138-149. |