Article Title |
मनोवैज्ञानिक उपचार पद्धति में आथर्वण चिकित्सा का वैज्ञानिक अनुप्रयोग |
Author(s) | Bhaskar Mishra, Acharya Pandit Sumit Mishra, Acharya Pooja Pandey, Diksha Pandey. |
Country | India |
Abstract |
भारतीय ज्ञान परम्परा में मानव जीवन को पूर्णतः स्वस्थ रखने के लिए ऋषियों ने प्रकृति के सूक्ष्मतम स्वरूप का अवलोकन कर अग्नि, वायु, जल, मृदा, एवं ध्वनि द्वारा जो हमारे पञ्चतत्वों के भी प्रतीक है, एवं इनके द्वारा साध्य एवं असाध्य समस्त रोगों का प्राकृतिक रूप से समाधान बताया। ऋषिपरम्परा का समापन होने से आज हम असाध्य रोगों जिनमें शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार के रोग है का समाधान करने में असफल हो रहें हैं, यदि वैज्ञानिक पद्धति द्वारा प्रयोगात्मक वेद जिसे हम अथर्ववेद के नाम से जानते हैं, का विज्ञान की पद्धति एवं वेद की विचारधारा का संयुक्त प्रयोग किया जाये, तो निश्चित रूप से हम पूर्णतः स्वस्थ होंगे। इस वैदिक विज्ञान के अनुप्रयोग को दैवी चिकित्सा (आथर्वण चिकित्सा) के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, क्योंकि आथर्वण का तात्पर्य अग्नि के उपासक ऋषियों से है। आथर्वण चिकित्सा तीन चिकित्सा(आसुरी चिकित्सा, मानुषी चिकित्सा एवं दैवी चिकित्सा) में सर्वोत्तम है, जिसके द्वारा कैंसर, पैरालिसिस, मधुमेह, गठिया, आदि शारीरिक एवं असामान्य व्यवहार आदि मानसिक रोगों का पूर्ण शमन किया जा सकता है। |
Area | Ayurveda |
Issue | Volume 2, Issue 1, January 2025 |
Published | 03-01-2025 |
How to Cite | Mishra, B., Mishra, A. P., Pandey, A. P., & Pandey, D. (2025). मनोवैज्ञानिक उपचार पद्धति में आथर्वण चिकित्सा का वैज्ञानिक अनुप्रयोग. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(1), 6-24, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25101. |
DOI | 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25101 |