Article Title |
प्राचीन समाज में प्रचलित आभरण: उनके नाम एवं प्रकार |
Author(s) | Sonal Narware, Sonali Narware. |
Country | India |
Abstract |
लोगों के व्यक्तिगत श्रृंगार की सबसे शानदार और आकर्षक वस्तु आभूषण है। रंग, चमक, टिकाऊ मूल्य और सामग्री की कमी इन विशेषताओं के कारण आभूषण मनुष्य को आकर्षित करते हैं। मानव मन का सौंदर्य के प्रति आकर्षण आज से नही बल्कि अत्यंत प्राचीन समय से रहा है जब मानव जीवन यापन के लिए नई नई चीजों की खोज कर रहा था । रंग बिरंगे फूल पत्तियां टहनियां, सूर्य की स्वर्ण आभा, चंद्र का रूप बदलना (चंद्र कलांए), ज्यामितिय आकर और आकृतिया, नदियों और समुद्र के जल की लहरे, एक स्थान से दूसरे स्थान पर दौड़ते हुए विभिन्न रूप रंग के पशु- पक्षी, कीट-पतंगे; प्रकृति के इन सभी आकर्षक रूपों तथा भौतिक पदार्थ से लगाव (जैसे:- शंख, कौड़ी, मोती, सीपी, मणि, रत्न, धातु, हाथी दांत) ने मनुष्य की आभूषण पहनने की इच्छा को विकसित किया।कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में विभिन्न प्रकार की मोतियों की लड़ी अर्थात यष्टि जो कि सिरबंध, कमरबंध, मणिबंध, हार और पायल की तरह पहनी जाती थी का उल्लेख किया है |
Area | History |
Issue | Volume 2, Issue 1, January 2025 |
Published | 19-01-2025 |
How to Cite | Narware, S., & Narware, S. (2025). प्राचीन समाज में प्रचलित आभरण: उनके नाम एवं प्रकार. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(1), 62-70, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25109. |
DOI | 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i1.25109 |