| Article Title |
क्षेत्रीय भारतीय सिनेमा के सामने चुनौतियां: भोजपुरी सिनेमा के संदर्भ में एक अध्ययन |
| Author(s) | Akhilesh Yadav, Dr. Diwakar Awasthi. |
| Country | India |
| Abstract |
यह शोध पत्र भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा की जटिलताओं और संभावनाओं का विश्लेषण करता है, जिसमें विशेष ध्यान भोजपुरी सिनेमा पर केन्द्रित है। भारत जैसे बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक देश में क्षेत्रीय सिनेमा न केवल मनोरंजन का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि वह स्थानीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक मूल्यों का वाहक भी है। भोजपुरी सिनेमा, जिसकी शुरुआत 1963 में सामाजिक फिल्म "गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो" से हुई थी, आज एक विशाल दर्शकवर्ग और उत्पादन क्षमता के साथ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय फिल्म उद्योग बन चुका है। इस शोध का उद्देश्य भोजपुरी सिनेमा के माध्यम से क्षेत्रीय सिनेमा के समक्ष मौजूद प्रमुख चुनौतियों की पहचान करना, उनका विश्लेषण करना और उनके समाधान के संभावित उपाय प्रस्तुत करना है। अध्ययन में यह पाया गया कि भोजपुरी सिनेमा को सीमित आर्थिक संसाधनों, गुणवत्ता की कमी, अश्लीलता की बढ़ती प्रवृत्ति, वितरण के अभाव और महिला पात्रों के कमजोर चित्रण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन कारणों से सिनेमा की सामाजिक छवि और स्वीकार्यता प्रभावित हुई है। हालांकि, भोजपुरी सिनेमा ने क्षेत्रीय लोककला, भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने अनेक सामाजिक मुद्दों को भी मंच प्रदान किया है, यद्यपि उनका प्रभाव अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुँच पाया है। यह सिनेमा युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और सांस्कृतिक गर्व का संचार करने का कार्य करता है, लेकिन साथ ही यह भी आवश्यक है कि इसके कंटेंट में नैतिकता और कलात्मकता बनी रहे। भविष्य में भोजपुरी सिनेमा की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह किस हद तक अपनी रचनात्मकता, तकनीकी गुणवत्ता और सामाजिक उत्तरदायित्व को बनाए रखता है। राज्य और निजी संस्थानों से सहयोग, डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी उपयोग, महिला फिल्मकारों का सशक्तिकरण और वैश्विक मंचों पर भागीदारी जैसे उपाय इसके भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। अतः निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भोजपुरी सिनेमा भारतीय क्षेत्रीय सिनेमा के प्रतिनिधि के रूप में न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन और सांस्कृतिक पहचान का वाहक भी है। इसके सामने मौजूद चुनौतियों को अवसरों में बदलकर यह वैश्विक स्तर पर प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा सकता है। |
| Area | Social Science |
| Issue | Volume 2, Issue 10 (October 2025) |
| Published | 11-10-2025 |
| How to Cite | Yadav, A., & Awasthi, D. (2025). क्षेत्रीय भारतीय सिनेमा के सामने चुनौतियां: भोजपुरी सिनेमा के संदर्भ में एक अध्ययन. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(10), 88-95, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i10.45358. |
| DOI | 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i10.45358 |
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