भाषा विचार और राजनीतिक भविष्य

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

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Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 2, Issue: 7, July 2025
Article Title

भाषा विचार और राजनीतिक भविष्य

Author(s) Dr Gouri Singh Parte.
Country India
Abstract

किसी भी देश में उसकी भाषा के संरक्षण और विकास के लिए यह आवश्यक है कि उसी भाषा में सरकार कार्य करे और सभी सुविधाओं को भी उसी भाषा में प्राप्त किया जा सके। इस कारण हर देश में आधिकारिक भाषा चुना जाता है। जिससे उसी भाषा में सरकार कार्य कर सके। यह भाषा उस देश में सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली, समझी जाती है या उस देश में निर्मित भाषा होती है। लेकिन कुछ देशों में एक से अधिक भाषाओं के बोले और समझे जाने व कई भाषाओं का जन्म स्थान होने के कारण आधिकारिक भाषा चुनने में समस्या उत्पन्न होती है। यदि कोई ऐसे देश की सरकार अपने देश की किसी भाषा को आधिकारिक भाषा बना ले तो विपक्ष में, मुख्य रूप से दूसरे भाषी क्षेत्रों में रहने वाले राजनीतिक दल इसका विरोध करते हैं। जिससे दूसरे भाषी लोग विपक्ष को आने वाले चुनाव में मत दे सकें। अपने चुनावी कार्यक्रमों में भी इसे ही मुद्दा बनाते हैं, जिससे इस बात को कोई न भूले और मुद्दे को और भी गंभीर बनाया जा सके।

Area Political Science
Issue Volume 2, Issue 2, February 2025
Published 15-02-2025
How to Cite Parte, D. G. (2025). भाषा विचार और राजनीतिक भविष्य. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(2), 12-18, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i2.45117.
DOI 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i2.45117

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