आधुनिक भाव बोध के संदर्भ और अमृत राय

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

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Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 2, Issue: 7, July 2025
Article Title

आधुनिक भाव बोध के संदर्भ और अमृत राय

Author(s) सुरेंद्र कुमार मिश्र .
Country India
Abstract

संस्कृति रूप में आधुनिकता एक गतिशील विचार प्रणाली है जिसका श्रेय किसी एक दिशा और राष्ट्र को नहीं दिया जा सकता। सामान्य अर्थों में आधुनिकता को पश्चिमी सभ्यता का पर्याय मान लिया जाता है लेकिन यह आधुनिकता का अर्थ संकोच है जिसका आधार पश्चिमी उपनिवेशवाद है। भारतीय संदर्भ में राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद भी दशकों तक सांस्कृतिक उपनिवेशन के तत्त्व उपस्थिति रहें। आज भी बहुत से लोगों के लिए आधुनिक भावबोध और कुछ नहीं पश्चिमी भावबोध ही है। अमृत राय प्रगतिशील विचारक है अपनी चिंतन और लेखन में वह सामाजिकता को एक बड़ा मूल्य स्वीकार करते हैं। उनके लेखन में साहित्य, समाज और लेखक के अंतसंबंधों पर गंभीर विचार दृष्टि प्राप्त होती है। आधुनिक भावबोध की रचना प्रक्रिया में उनका चिंतन बहुत महत्त्वपूर्ण है। वह नयेपन और क्रांति के नाम पर अराजकता और पश्चिमी कला आंदोलन की नकल से असहमत होते हुए उसकी कठोर आलोचना करते हैं।

Area Hindi
Issue Volume 2, Issue 2, February 2025
Published 27-02-2025
How to Cite , . . (2025). आधुनिक भाव बोध के संदर्भ और अमृत राय. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(2), 74-79.

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