Article Title |
आधुनिक भाव बोध के संदर्भ और अमृत राय |
Author(s) | सुरेंद्र कुमार मिश्र . |
Country | India |
Abstract |
संस्कृति रूप में आधुनिकता एक गतिशील विचार प्रणाली है जिसका श्रेय किसी एक दिशा और राष्ट्र को नहीं दिया जा सकता। सामान्य अर्थों में आधुनिकता को पश्चिमी सभ्यता का पर्याय मान लिया जाता है लेकिन यह आधुनिकता का अर्थ संकोच है जिसका आधार पश्चिमी उपनिवेशवाद है। भारतीय संदर्भ में राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद भी दशकों तक सांस्कृतिक उपनिवेशन के तत्त्व उपस्थिति रहें। आज भी बहुत से लोगों के लिए आधुनिक भावबोध और कुछ नहीं पश्चिमी भावबोध ही है। अमृत राय प्रगतिशील विचारक है अपनी चिंतन और लेखन में वह सामाजिकता को एक बड़ा मूल्य स्वीकार करते हैं। उनके लेखन में साहित्य, समाज और लेखक के अंतसंबंधों पर गंभीर विचार दृष्टि प्राप्त होती है। आधुनिक भावबोध की रचना प्रक्रिया में उनका चिंतन बहुत महत्त्वपूर्ण है। वह नयेपन और क्रांति के नाम पर अराजकता और पश्चिमी कला आंदोलन की नकल से असहमत होते हुए उसकी कठोर आलोचना करते हैं। |
Area | Hindi |
Issue | Volume 2, Issue 2, February 2025 |
Published | 27-02-2025 |
How to Cite | , . . (2025). आधुनिक भाव बोध के संदर्भ और अमृत राय. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(2), 74-79. |