बून्दी की ऐतिहासिक धरोहर

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

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Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume: 2, Issue: 10, October 2025

DOI: 10.70558/SPIJSH

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Article Title

बून्दी की ऐतिहासिक धरोहर

Author(s) रानू पारीक, प्रो. सोन कँवर हाड़ा.
Country India
Abstract

अरावली की पहाड़ियों की तलहटी में बून्दी घाटी है राज्य की राजधानी बून्दी का नाम बून्दी मीणा (मीना) के पीछे प्रसिद्ध हुआ और राज्य की राजधानी के नाम से ही राज्य का यही नाम पडा। यहाँ जैता मीणा के अधीन तीन सौ घरों की एक बस्ती थी। एक बार अभिमानी जैता ने चैहान राजपूत जसराज गोलवाल की दो पुत्रियों से अपने दो पुत्रों के विवाह का प्रसताव भेजा। जैता का कामदार होने के कारण उसने बम्बावदा के हाड़ावंशीय राजकुमार देवसिंह से याचना की तब दोनों ने मिलकर एक षडयंत्र के अनुरूप बून्दी से 4 कोस दूर उमरथूणा को उकत ग्राम मे विवाह स्थल निश्चत किया। उक्त आयोजन से देवसिंह को भी आमंत्रित किया गया। मीणों की बारात एकत्र हो गयी तो बारूदों का ढेर बिदा दिया गया। जब मीणों की बारात एकत्र हो गयी तो बारूदों को ढेर बिछा दिया गया और बारता एकत्र होते ही ढेर मे आग लगा दी। तब राव देवा ने जैता मीणा के बचे हुऐ साथियों व समस्त मीणा परिवार को तलवार के घाट उतर दिया। तदन्तर आषाढ़ नदी नवमी मंगलवार वि.सं. 1398 (1241 ई.) के दिन बून्दी को राव देवा ने अपने अधिकार मे कर लिया।

Area History
Issue Volume 1, Issue 12, December 2024
Published 30-12-2024
How to Cite ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 1(12), 166-168.

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