पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारतीय राष्ट्रवाद : एक विश्लेषण

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities

Open Access, Multidisciplinary, Peer-reviewed, Monthly Journal

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 11 (November 2025)

DOI: 10.70558/SPIJSH

Follows UGC Care Guidelines

Article Title

पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारतीय राष्ट्रवाद : एक विश्लेषण

Author(s) JITENDRA SINGH, Prof. Dr. Meenakshi Sharma.
Country India
Abstract

पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण विचारक थे, जिनकी राष्ट्रवादी विचारधारा सांस्कृतिक मूल्यों और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित थी। उनका सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भारतीय पहचान, परंपरा, और धर्म आधारित सामाजिक समरसता को राष्ट्र निर्माण का आधार मानता है। यह शोध-पत्र भारतीय राष्ट्रवाद और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के राष्ट्रवादी दृष्टिकोण के बीच तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। इसमें गांधीवादी, नेहरूवादी, सुभाषवादी और सरदार पटेल के राष्ट्रवादी दृष्टिकोणों की तुलना उपाध्याय के एकात्म मानववाद से की गई है। यह अध्ययन समकालीन भारतीय राजनीति में उनके विचारों की प्रासंगिकता की जाँच करता है, विशेष रूप से सबका साथ, सबका विकास, आत्मनिर्भर भारत, और मेक इन इंडिया जैसी नीतियों के संदर्भ में। शोध में यह भी विश्लेषण किया गया है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद वैश्विक परिप्रेक्ष्य में कितना व्यवहारिक है और क्या यह समावेशी राष्ट्रवाद का प्रभावी मॉडल हो सकता है। यह शोध भारतीय राष्ट्रवाद के ऐतिहासिक विकास और भविष्य की दिशा पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों के प्रभाव को उजागर करने का प्रयास करता है।

Area Political Science
Issue Volume 2, Issue 7 (July 2025)
Published 30-07-2025
How to Cite SINGH, J., & Sharma, M. (2025). पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारतीय राष्ट्रवाद : एक विश्लेषण. ShodhPatra: International Journal of Science and Humanities, 2(7), 137-144, DOI: https://doi.org/10.70558/SPIJSH.2025.v2.i7.45270.
DOI 10.70558/SPIJSH.2025.v2.i7.45270

PDF View / Download PDF File